प्रिय बंधुवर सुरेन्द्र राजपुरोहित जी नमस्कार और घणी खम्मा सा ! अचानक आपके ब्लॉग का लिंक पा'कर प्रसन्नता हुई … लेकिन आपका लिखा हुआ मैटर युनिकोड में न होने के कारण पढ़ा नहीं जा पा रहा । अतः यथोचित उपाय करलें , ताकि की हुई मेहनत निरर्थक न जाए । ~*~ हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !~*~ शुभकामनाओं सहित - राजेन्द्र स्वर्णकार
प्रिय बंधुवर सुरेन्द्र राजपुरोहित जी
ReplyDeleteनमस्कार और घणी खम्मा सा !
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लेकिन आपका लिखा हुआ मैटर युनिकोड में न होने के कारण पढ़ा नहीं जा पा रहा ।
अतः यथोचित उपाय करलें , ताकि की हुई मेहनत निरर्थक न जाए ।
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